ब्लड इन्फेक्शन क्या है? जानें, इसके लक्षण और इलाज

ब्लड इन्फेक्शन क्या है? जानें, इसके लक्षण और इलाज

ब्लड इन्फेक्शन क्या है? जानें, इसके लक्षण और इलाज

ब्लड इन्फेक्शन में क्या नहीं खाना चाहिए

Internal Medicine | Posted on 12/06/2023 by RBH

ब्लड में इन्फेक्शन कैसे होता है? यब प्रश्न कई लोगों के मन में आता होगा, जिसका जवाब आज हम इस ब्लॉग के माध्यम से देंगे। ब्लड इन्फेक्शन वह स्थिति है, जो शरीर में संक्रमण के कारण उत्पन्न होती है। मेडिकल विशेषज्ञों की मानें, तो इस रोग के कारण शरीर के कई अंग अपना सामान्य काम करना बंद कर देते हैं। यही कारण है कि व्यक्ति को ब्लड इन्फेक्शन के संबंध में अधिक सतर्कता बरतनी चाहिए। यदि आप ब्लड इंफेक्शन के दायरे में है या फिर आपको लगता है कि आप इस रोग से पीड़ित हो सकते हैं, तो हम आपको सलाह देंगे कि आप हमारे इंटरनल मेडिसिन विशेषज्ञ से एक बार ज़रूर परामर्श लें और उनसे इलाज के विकल्पों पर बात करें।

चलिए जानते हैं कि ब्लड इन्फेक्शन क्या है, ब्लड में इन्फेक्शन होने से क्या होता है, और इसका इलाज कैसे किया जाता है?

ब्लड इन्फेक्शन क्या है

ब्लड इंफेक्शन को अंग्रेजी भाषा में सेप्सिस (Sepsis) या सेप्टिसीमिया (septicemia) कहा जाता है। सेप्सिस आमतौर पर बैक्टीरिया के संक्रमण के कारण होता है, जिससे खून में संक्रमण की स्थिति उत्पन्न हो जाती है। ब्लड इंफेक्शन तब होता है जब रक्त में मौजूद रसायन के कारण शरीर में सूजन और जलन उत्पन्न हो। मानव शरीर संक्रमण के प्रति बहुत ज्यादा प्रतिक्रिया करता है। यह प्रतिक्रिया शरीर को नुकसान पहुंचाता है, जिससे मृत्यु की संभावना लगातार बनी रहती है। संक्रमण अक्सर फेफड़ों, पेट या मूत्राशय में शुरू होता है और पूरे शरीर में फैल जाता है।

कुछ मामलों में देखा गया है कि सेप्सिस सेप्टिक शॉक का रूप ले लेता है, जिसके कारण ब्लड प्रेशर में अचानक कमी आती है, जो मृत्यु का कारण भी बन सकता है। सेप्टिक शॉक वह स्थिति है, जिसमें संक्रमण बहुत ज्यादा फैल जाता है और शरीर के कुछ अंग अपना कार्य करना बंद कर देते हैं। यह रोग हर व्यक्ति को प्रभावित कर सकता है लेकिन, यह समस्या बुजुर्गों और कमजोर इम्यूनिटी वाले लोगों में सबसे ज्यादा आम है।

ब्लड में इन्फेक्शन कितने प्रकार के होते हैं

बैक्टीरिया के कारण तीन प्रकार के ब्लड इंफेक्शन होते हैं, अर्थात बैक्टीरिया, वायरस और फंगस। यह सभी प्रकार के संक्रमण व्यक्ति के जीवन के लिए खतरा होते हैं। चलिए संक्रमण के प्रकार के बारे में विस्तार से जानते हैं –

  • बैक्टेरिमिया: बैक्टेरिमिया एक ऐसी स्थिति है, जब हमारे रक्त में बैक्टीरिया मौजूद होता है। अलग-अलग तरीकों से यह बैक्टीरिया हमारे शरीर में प्रवेश करते हैं। हल्के कट और घाव के माध्यम से बैक्टीरिया हमारे रक्त में प्रवेश कर जाते हैं। किसी चिकित्सा प्रक्रिया या सर्जरी के दौरान भी यह बैक्टीरिया हमारे शरीर में प्रवेश कर सकते हैं।
  • विरेमिया: विरेमिया एक ऐसी स्थिति है, जिसमें रक्त में वायरस होता है। दरअसल, कई अलग-अलग प्रकार के वायरस विरेमिया का कारण बन सकते हैं। एक वायरस आपके किसी एक कोशिका या रक्त से जुड़ जाता है, अपना डीएनए या आरएनए छोड़ता है, कोशिका पर नियंत्रण कर लेता है और उसे वायरस की नकल करने के लिए मजबूर करता है। यह भी ब्लड इंफेक्शन का एक मुख्य प्रकार है।
  • फंगएमिया: फंगएमिया रक्त में फंगस की स्थिति को दर्शाता है। इस स्थिति में फंगस रक्त में प्रवेश करता है और शरीर के अंगों को प्रभावित करता है। इस स्थिति का इलाज जल्द से जल्द होना आवश्यक है अन्यथा यह आपके लिए हानिकारक साबित हो सकता है। कुछ फंगस हवा के द्वारा भी आपके शरीर में प्रवेश कर सकते हैं।

ब्लड इन्फेक्शन के लक्षण

ब्लड इन्फेक्शन का निदान जब भी होता है, उसे तीन चरण में विभाजित किया जाता है। पहले चरण में सेप्सिस की शुरुआत होती है। दूसरे चरण में संक्रमण थोड़ा गंभीर होता है और तीसरे चरण में सेप्टिक शॉक की स्थिति उत्पन्न होती है। इन सभी चरणों में अलग अलग लक्षण उत्पन्न होते हैं, लेकिन कुछ लक्षण है जो सभी चरणों में देखने को मिलते हैं जैसे –

  • बुखार और ठंड लगना
  • त्वचा के लाल चकत्ते
  • कमजोरी और थकान का लगातार बने रहना
  • ब्लड प्रेशर में कमी
  • मांसपेशियों में दर्द
  • आंख की रोशनी में बदलाव
  • आंखों में संक्रमण
  • सिर दर्द
  • तंत्रिका संबंधी समस्याएं
  • पेट में दर्द

ब्लड में इन्फेक्शन क्यों होता है

सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के अनुसार अन्य संक्रमण के कारण ब्लड इंफेक्शन का खतरा सबसे अधिक होता है। जब बैक्टीरिया शरीर में प्रवेश करते हैं, तो वह संक्रमण का कारण बन सकते हैं। यदि इस संक्रमण को समय रहते नहीं रोका जाता है, तो यह सेप्सिस का मुख्य कारण बन जाता है। वायरल संक्रमण, जैसे कोविड​​-19, इन्फ्लूएंजा, या फंगल संक्रमण के कारण भी ब्लड में इन्फेक्शन की स्थिति उत्पन्न हो सकती हैं।

सेप्सिस के कुछ मामलों में ऐसा भी देखा गया है कि किसी दूसरे स्वास्थ्य समस्या जैसे पुरानी फेफड़ों की बीमारी या कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली के कारण भी ब्लड इंफेक्शन का खतरा बढ़ जाता है। यदि आपको ब्लड इंफेक्शन के लक्षण दिखते हैं या फिर इस स्थिति का निदान आपको हुआ है तो तुरंत हमारे डॉक्टर से संपर्क करें।

ब्लड इंफेक्शन का जोखिम किसे सबसे ज्यादा होता है

ब्लड में इंफेक्शन हर व्यक्ति को प्रभावित कर सकता है। लेकिन कुछ लोग इस रोग के दायरे में होते हैं जैसे –

  • छोटे बच्चे
  • अन्य स्वास्थ्य समस्या का होना
  • वृद्धावस्था
  • उन दवाओं का सेवन जो आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली (स्टेरॉयड) को कमजोर करते हैं
  • डायबिटीज के मरीज
  • कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले लोग

इन सभी जोखिम कारकों में मुख्य सर्जरी का होना भी एक जोखिम कारक है, जिसके बारे में बहुत कम लोगों को पता होता है।

ब्लड इन्फेक्शन से कैसे बचें?

इस बात में कोई दो राय नहीं है कि ब्लड इन्फेक्शन के लक्षण महसूस होते ही आपको तुरंत अपने डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए। यदि आपको सेप्सिस का निदान हो गया है, तो हम आपको सलाह देंगे कि आप निम्नलिखित उपायों का पालन करें –

  • वैक्सीनेशन: नियमित रूप से टीकाकरण शरीर के लिए बहुत ज्यादा जरूरी है। इससे आपके शरीर को संक्रमण से लड़ने में मदद मिलती है।
  • स्वच्छता: आसपास स्वच्छता बनाए रखें क्योंकि यह आपके ही स्वास्थ्य के लिए लाभकारी साबित होगा। सर्जरी के कट या जख्मों की साफ-सफाई इस रोग से बचाव में कारगर है।
  • प्रतिरक्षा प्रणाली: जिन लोगों के शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर होती है, उन्हें अपने स्वास्थ्य का अधिक ध्यान रखने की आवश्यकता होती है। लक्षण उत्पन्न होने पर तुरंत अपने डॉक्टर से परामर्श करें।

इन सबके अतिरिक्त बिना डॉक्टर के परामर्श के कोई भी दवा लेने का सुझाव नहीं दिया जाता है। इससे स्थिति अधिक गंभीर हो सकती है।

ब्लड इन्फेक्शन का इलाज कैसे करें

शुरुआत में एक प्रश्न पूछा गया था कि खून में इन्फेक्शन कैसे ठीक होता है? चलिए इस सवाल का जवाब ढूंढते हैं। सेप्सिस के लिए त्वरित इलाज बहुत ज्यादा अनिवार्य होता है। गंभीर मामलों में इलाज की बहुत ज्यादा आवश्यकता होती है।

इलाज से पहले डॉक्टर कुछ परीक्षण का सुझाव देते हैं जैसे –

  • रक्त में मौजूद बैक्टीरिया की जांच
  • रक्त में एसिड की मात्रा की जांच
  • रक्त परीक्षण की सहायता से प्लेटलेट और व्हाइट ब्लड सेल के स्तर की जांच
  • सीटी स्कैन, एक्स-रे, अल्ट्रासाउंड इत्यादि से संक्रमण के स्रोत की जांच
  • किडनी और लिवर फंक्शन टेस्ट

जांच के परिणाम के आधार पर यह पुष्टि हो जाती है कि ब्लड इन्फेक्शन (सेप्सिस) है या नहीं। परिणाम के आधार पर ही इंटरनल मेडिसिन डॉक्टर इलाज की योजना बनाते हैं। गंभीर मामलों में डॉक्टर आईसीयू में एडमिट करने का सुझाव देते हैं।

संक्रमण के कारण का पता लगाया जाता है और जैसे ही इसका पता चलता है, डॉक्टर उस कारण को खत्म करने के इलाज करते हैं। इलाज के विकल्प रोगी के स्वास्थ्य पर भी निर्भर करते हैं।

ब्लड इन्फेक्शन से संबंधित अधिकतर पूछे जाने वाले प्रश्न

ब्लड इन्फेक्शन में क्या नहीं खाना चाहिए

इन खाद्य पदार्थों के सेवन की सलाह नहीं दी जाती है।

  • कच्चे फल और सब्जियां न खाएं। कच्चा भोजन आपके लिए हानिकारक साबित हो सकता है।
  • प्रोसेस्ड फूड से दूरी बनाएं
  • सी-फूड को खाने से बचें
  • कॉफी, चाय और हॉट चॉकलेट जैसे गर्म पेय के सेवन से बचें

ब्लड इन्फेक्शन में क्या खाना चाहिए

इन खाद्य पदार्थों के सेवन की सलाह दी जाती है।

  • विटामिन सी, विटामिन डी और विटामिन ई से भरपूर भोजन करें
  • एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर खाद्य पदार्थ लें जैसे डार्क चॉकलेट, बीन्स, चुकंदर, हल्दी, ग्रीन टी, ब्लूबेरी, स्ट्रॉबेरी
  • केला, पालक, गाजर, शकरकंद, जड़ वाली सब्जियां और साग आपके लिए लाभकारी साबित हो सकते हैं।

ब्लड में इन्फेक्शन कितने दिन में ठीक होता है?

ब्लड इन्फेक्शन के इलाज के बाद पूर्ण रूप से स्वस्थ होने में 7 से 10 दिन का समय लग सकता है। संक्रमण का पता चलने के तुरंत बाद दवाओं से इलाज शुरू करना चाहिए। इससे रिकवरी आसान हो जाती है।

This post was last modified on November 18, 2024 1:12 pm