बरसात के मौसम में शरीर का कोई भी अंग किसी वजह से चोटिल हो गया है या जल गया तो उस घाव को सुखाना बहुत मुश्किल होता है। घाव खुला हो तो इंफेक्शन का खतरा और ज्यादा बढ़ जाता है। इसके अलावा बारिश के मौसम में स्किन से जुड़ी कई परेशानियां होती हैं।
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यह खून में बहुत ज्यादा अशुद्धियां होने की वजह से होता है। बारिश के मौसम में नमी के कारण स्किन पर कीड़े-मकोड़े कई बार अनजाने में चिपक जाते हैं और घाव का कारण बनते हैं। जो शरीर पर फोड़े, फुंसी और दाने के रूप में निकलते हैं।
ऐसे में बरसाती घावों के लिए डॉक्टरी इलाज के साथ कुछ आयुर्वेदिक इलाज की भी मदद ले सकते हैं। आइए आयुर्वेदाचार्य डॉ. सिद्धार्थ सिंह से जानते हैं बरसाती घाव के इलाज के कुछ घरेलू नुस्खों के बारे में।
ममीरा या पीलाजड़ी का पत्ता पीसकर लगाएं
ममीरा को कुछ क्षेत्रों में पियारांगा पीलाजड़ी भी कहते हैं। इसके पत्तों में एंटी बैक्टीरियल गुण होते हैं जो कफ और वात रोगों को कम कर सकते हैं। बरसाती घाव होने पर आप इसके पत्तों को पीसकर घाव पर लेप की तरह लगा सकते हैं। इसके अलावा इसमें एंटी इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं जो कि घाव की लालिमा और सूजन को कम करते हैं। इसके लिए ममीरा या पीलाजड़ी के पत्ते को धोकर उबाल कर इसका पानी निकाल कर रख लें। फिर इसे पानी से कुछ दिनों तक लगातार घाव धोएं। यह घाव को गायब कर देगा।
करी पत्ता पीसकर लगाएं
करी पत्ते में कई औषधीय गुण होते हैं। यह एंटी डायबिटिक होने के साथ बरसात में निकलने वाले फोड़े-फुंसियों को भी ठीक करता है। करी पत्ते में एंटी एलर्जिक, एंटी बैक्टीरियल और एंटी इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं। साथ ही ये घाव की जलन को कम कर सकता है और इसे ठीक भी करता है। इसके लिए करी पत्ते को रोज सुबह चबा-चबाकर खाएं। इसके अलावा करी पत्ते में लौंग पीसकर और नारियल तेल मिलाएं। अब इस लेप को अपने घाव पर दिनभर में कई बार लगाएं। ये आसानी से घाव भरने में मददगार होगा।
कदम के पत्ते-छाल का पानी है कारगर
कदम के पत्तों या छाल बड़े ही काम की चीज है। इसे सूजन पर लगा सकते हैं। इसका इस्तेमाल मोच आने पर भी किया जा सकता है। लेकिन बरसाती घाव के लिए ये बहुत ही कारगर है। कदम के पत्तों या छाल के अर्क में एंटीबैक्टीरियल और हीलिंग गुण होते हैं। ये पहले तो घाव के बैक्टीरिया को मारकर इसे फैलने से रोकता है, इसके बाद घाव ठीक करता है। कदम के पत्तों या छाल को पीस कर उसका अर्क निकाल लें और इसे अपने घाव पर दिन में तीन बार लगाएं।
सेमल के फूल और कांटे सूजन घटाएं
सेमल के फूल और कांटों के कई फायदे हैं। अगर इन दोनों का अर्क निकाल कर रख लें तो ये बहुत काम आते हैं। इसमें मौजूद एंटी इंफ्लेमेटरी गुण शरीर की सूजन दूर करते हैं और इसका एंटी बैक्टीरियल गुण घाव के बैक्टीरिया को मारता है और घाव को फैलने से रोकता है। साथ ही इसका अर्क घाव की खुजली और जलन को भी कम करने में मददगार है।
शहद है शानदार
बरसाती घाव से राहत पाने के लिए लिए शहद का इस्तेमाल करना चाहिए। शहद के एंटी बैक्टीरियल, एंटी फंगल और एंटी इंफ्लेमेटरी गुण इंफेक्शन को रोकने का काम बेहतर ढंग से करते हैं।
चूना है चमत्कारी
चूना पत्थर का पाउडर भी घावों को भरने का काम अच्छे से करता है। बस आप चूने पाउडर में हल्दी मिलाकर गरम कर लीजिए और घाव वाली जगह पर लगा लीजिए। यह इंफेक्शन फैलने से रोकेगा।
एलोवेरा है असरदार
एलोवेरा जेल बरसाती घाव में रामबाण साबित हो सकता है। एलोवेरा की पत्ती को सूजन और चोट वाली जगह पर लगा लें। जब जेल घाव पर सूख जाए तो उसे गर्म पानी से धो लीजिए। फिर तौलिए से थपथपाकर सुखाएं।
नारियल के निराले गुण
इसमें नारियल का तेल भी बहुत फायदेमंद होता है। यह चोट के दाग धब्बों के निशान को हटाने में सहायक होता है। चोट वाली जगह पर नारियल का तेल लगाकर साफ सूती के कपड़े से ढक दीजिए।
लैवेंडर ऑयल है लाजवाब
लैवेंडर का तेल हर तरह के घाव या चोट को ठीक करने में कारगर होता है। लैवेंडर का एसेंशियल ऑयल चोट के लिए काफी प्रभावी माना जाता है। यह घाव को तेजी से भर सकता है। इसमें एंटीबैक्टीरियल और एंटी फंगल गुण भी होते हैं। इसके एसेंशियल ऑयल को इस्तेमाल करने के लिए नारियल तेल या किसी और तेल में मिला लें। आप इसे जैतून या बादाम के तेल में भी मिला सकते हैं।
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गेंदे के फूल के फायदे
गेंदे के फूल का इस्तेमाल हर शुभ मौके पर सजावट और पूजा के लिए किया जाता है। इतना लोकप्रिय होने की वजह से यह हर जगह आसानी से मिल जाता है। मैरीगोल्ड यानी गेंदे में कोलेजन को बढ़ाने के अलावा एंटी बैक्टीरियल और एंटी इंफ्लेमेटरी गुण भी होते हैं। मैरीगोल्ड मरहम में मिलाकर लगाया जा सकता है या घाव पर इसका पेस्ट भी लगा सकते हैं।
हल्दी से करें हीलिंग
हल्दी में करक्यूमिन नाम का एक प्राकृतिक एंटी बैक्टीरियल और एंटी इंफ्लेमेटरी तत्व होता है, जो चोट पर लगने पर त्वचा के घावों को ठीक करने में मददगार है। हल्दी अपने एंटी बायोटिक गुणों के लिए जानी जाती है और इंफेक्शन को ठीक करने में मदद कर सकती है। हल्दी में ऐसे गुण भी होते हैं जो सूजन को कम करने और स्किन और ब्लड को साफ करने में मदद करते हैं। यह एक प्राकृतिक एंटी सेप्टिक भी है। घाव को ठीक करने के लिए हल्दी से बेहतर कोई प्राकृतिक उपाय नहीं है।
टी ट्री ऑयल से ट्रीटमेंट
टी ट्री ऑयल एक प्राकृतिक एंटीसेप्टिक है। इस तेल का इस्तेमाल चोट लगने पर करने से ना सिर्फ घाव ठीक करने में बल्कि सूजन कम करने में तेजी भी आ सकती है। टी ट्री ऑयल एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर होता है। इसमें जीवाणुरोधी गुण भी होते हैं और ये चोट में दर्द से राहत देता है। टी ट्री ऑयल की एक बूंद खुले घाव पर लगाने से घाव जल्दी ठीक हो जाता है।
पेपरमिंट ऑयल फयदेमंद
पेपरमिंट का तेल चोटिल जगह पर लगाने से दर्द से राहत मिलती है। इसे खुले घाव पर नहीं लगाना चाहिए। इसे घाव के चारों ओर लगाएं, लेकिन सीधे घाव पर नहीं।
लहसुन के लाभ
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लहसुन खाने से बैक्टीरिया की वजह से होने वाले इंफेक्शन से लड़ने में मदद मिलती है, जो हवा या भोजन के माध्यम से फैल सकता है। लहसुन का पेस्ट बनाकर खुले घावों पर लगाने से बाहरी इंफेक्शन का इलाज हो सकता है। लहसुन में एंटी बैक्टीरियल और एंटी इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो रक्तस्राव को रोकने, दर्द को कम करने और घावों को तेजी से ठीक करने में मदद करते हैं।
दर्द दूर करे दालचीनी
दालचीनी के एंटी बैक्टीरियल गुण घावों को ठीक करने में भी मदद कर सकते हैं। दालचीनी में इंफेक्शन से लड़ने और सूजन को कम करने की क्षमता होती है। दालचीनी जलन को ठीक कर त्वचा को ठंडक दिलाता है।
प्याज है फायदेमंद
प्याज में एलिसिन होता है, जो एंटी बैक्टीरियल तत्व है। ये घाव को संक्रमित होने से रोकता है। प्याज में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण भी होते हैं जो सूजन को कम करने और घावों को भरने में मदद करते हैं। प्याज का पेस्ट बनाकर खुले घाव पर लगा सकते हैं। यह घाव को संक्रमित करने से पहले बैक्टीरिया को मारने में मदद करेगा। लहसुन और प्याज को एक पेस्ट में मिलाकर घाव को जल्दी भरने में मदद मिल सकती है।
घाव भरने के लिए क्या खाएं
गहरे घावों को तेजी से ठीक करना चाहते हैं, तो डाइट को नजरअंदाज न करें। ऐसे बहुत से खाद्य पदार्थ हैं जो घाव भरने में मदद कर सकते हैं।
हरी पत्तेदार सब्जियां
केला, ब्रोकली, पालक जैसे साग में विटामिन K की मात्रा ज्यादा होती है, जो खुले घाव को ठीक करने के लिए जरूरी है।
प्रोटीन की जरूरत
शरीर में प्रोटीन से ही ऊतकों का पुनर्निर्माण होता है। अपने खानपान में प्रोटीन का इस्तेमाल जरूर करें, ताकि घाव जल्दी भर सके।
इन चीजों से परहेज करें
ऐसा आहार नहीं खाना चाहिए जिससे घाव भरने की रफ्तार कम हो सकती है। ऐसे पदार्थों में शामिल हैं-
शराब-यह सूजन को बढ़ा सकती है, जो उपचार के लिए ठीक नहीं है।
चीनी-यह सूजन को बढ़ावा देती है और घाव भरने की प्रक्रिया को धीमी कर सकती है।
प्रोसेस्ड फूड-पिज्जा-बर्गर में हाइड्रोजनीकृत तेल, रसायन, रंग हो सकते हैं जो घाव भरने को धीमा कर सकते हैं।
Nguồn: https://collagenmidi.com
Danh mục: चिकित्सा